आते रहते है हर सेमेस्टर मौक़े तेरे दीदार के, पर दिल तरस जाता है करने को तुझसे दो शब्द प्यारे ... आते रहते है हर सेमेस्टर मौक़े तेरे दीदार के, पर दिल तरस जाता है करने को त...
राम कर्म में पुरुषोत्तम है, राम कर्म में पुरुषोत्तम है,
राम मिले तो भी रावण छेड़े तो भी आखिर कब तक ? राम मिले तो भी रावण छेड़े तो भी आखिर कब तक ?
इस मे गलती सीता की नही इस मे गलती सीता की नही
मैं अपनी जिंदगी के रामायण का खुद ही दशरथ हूँ मैं श्रवण हत्या जैसे पाप के लिए मैं अपनी जिंदगी के रामायण का खुद ही दशरथ हूँ मैं श्रवण हत्या जैसे पाप के लिए
ढेर व्यंजन न लगें अच्छे प्यार की सूखी रोटी भाये। ढेर व्यंजन न लगें अच्छे प्यार की सूखी रोटी भाये।